नीलम मकर और कुंभ राशि के लोग धारण कर सकते हैं। इन दोनों राशियों पर शनि का आधिपत्य होता है। वहीं, वृष, मिथुन, कन्या, तुला राशि के लोग में इसे धारण कर सकते हैं। यदि शनि देव कुंडली में कमजोर बैठे हुए तो नीलम धारण करके उनकी शक्तियों को बढ़ाया जा सकता है।
सिंह, मेष, वृश्चिक, कर्क और धनु राशि वाले लोगों के लिए माणिक्य धारण करना बहुत ही शुभ माना गया है। माणिक्य पहनने का सर्वोत्तम समय रविवार प्रातः काल होता है। धारण करने के पहले उसे गाय के दूध और गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए। माणिक्य रत्न को धारण करने के बाद सूर्य देव के मंदिर में दान पुण्य करने से सर्वाधिक लाभ मिलता है
कर्क और मीन राशि के जातक भी मोती धारण कर सकते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मोती का संबंध मां लक्ष्मी से माना जाता है। मोती को धारण करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। वहीं मोती के साथ कभी नीलम और गोमेद नहीं धारण करना चाहिए
मेष राशि का स्वामी ग्रह मंगल है। इन राशि के जातकों को मूंगा रत्न पहनना चाहिए। इससे व्यक्ति के धन संबंधी परेशानियों से छुटकारा मिलता है
ज्योतिष के अनुसार, पन्ना रत्न का संबंध कन्या और मिथुन राशि से है। लेकिन इसे धारण करने से पहले ये देखना जरूरी है कि लग्न में कौन-सा ग्रह है। खासकर तुला जातकों को ये रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है।
मिथुन राशि के लोगों के लिए हल्का पीला एक शुभ रंग है जो उन्हें भाग्य और सफलता दिला सकता है। पीला रंग खोज और प्रगति की एक उत्साहजनक भावना पैदा करता है
हीरा नाम की लड़कियों की राशि कर्क है। हीरा नाम की महिलओं को संकट की स्थिति या लड़ाई झगड़ा करना पसंद नहीं होता है। जिन लड़कियों का नाम हीरा है, वे अपने संकल्प पर डटे रहना पसंद करती हैं। कर्क राशि से जुड़ी हीरा नाम की लड़कियां अंदर से अपनी इच्छाएं व उद्देश्य मजबूत रखती हैं, जबकि बाहर से ये ऐसे नहीं दिखती।
जिन लोगों की राशि या लग्न मिथुन, तुला, मकर, कुंभ या वृष राशि हों, उन्हें गोमेद पहनना चाहिए। इससे लाभ मिलेगा। जिस व्यक्ति की कुंडली में राहु उच्च स्थान पर बैठे होते हैं, ऐसे लोगों को गोमेद रत्न पहनना चाहिए।
लहसुनिया केतु का रत्न है, अर्थात इसका स्वामी केतु ग्रह है। संस्कृत में इसे वैदुर्य, विदुर रत्न, बाल सूर्य, उर्दू-फारसी में लहसुनिया और अंग्रेजी में कैट्स आई कहते हैं